वो धना धन बढिये धन बढ़ी भकार भरला वो मना मन न बढिये मन बढ़ी के नी मिलनौ |
वो धना धन बढिये धन बढ़ी भकार भरला वो मना मन न बढिये मन बढ़ी के नी मिलनौ | केदार सिंह!