जतौण

उरी गे रे जतौण मां कालिकां को
मीटी ग‌ई रे सबी बडीयारी
क्या सुवाणो लगदु माता की नियौज
खुली गे रे आज चांदी पिटारी !

चौमुखी तु माता होली
दीशो की मयाली छ‌ई
सजौण बसगी गौ गाड़
जत्या और खडोई ।

केदार सिंह।

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