ज़िंदगी एक बहाना है

                                                ज़िंदगी एक बहाना है 

जिन्दगी एक बहाना है 
जैसे सर्कस का तराना है 
तराना है ,उछाल कुद भी 
बस जीने का एक सहारा है 

बहानो से भरी जिन्दगी 
क्या खोया ,क्या पाया है 
पाया है ,वो निल्त भरी जिन्दगी 
जिसमे बहाना एक जुर्माना है

काम से जब जिय चुरा ,तब बहाना मारा
जमाने ने हमे ताना मारा
ताना मारा ,सोचा कुछ करुगा
सोचते -सोचते बहाना का भरा हरजाना है

हे मेरे मालिक केसी तेरी माया है
इस बहाने से बदली तुने काया है
काया है ,अब थमती नहीं है
बस तेरे पास आने का एक बहाना है

केदार सिंह !
म्यारों पहाड़

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