माँ मुझे चाँद दिला दे उस फलक से
जिस फलक में तारे टीम तिमाते हैमर कर भी जो लोग तारे बन जाते है !
लाल मेरे कैसे दिलाऊ चाँद तुझे
चाँद बहुत दूर है
मेरा चाँद तु ही ,तु ही मेरा नूर है !
मया बस मुझे चाँद चाहिए
और कोई न बहाना
मेरे पास भी होगा एक स्वेत सा खिलौना !
जिद पर क्यों तु अड़ा है
क्यों चाँद के पीछे पड़ा है
मेरे चाँद आज क्यों उदास खड़ा है !
रोज का एक ही बहाना
आज न तेरे झांसे में न आने वाला
एक बार दिला माँ वो प्यारा सा खिलौना !
"केदार सिंह"
म्यारो पहाड़!
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