नई नई भाैजी




हे भौजी कन लगणु म्यार मुलुक
अभी दुयुरा स्वर्ग तुमार मुलुक
रंग पाणी जब चढ़ जालो
जरा पछी देखुला !

हे भौजी कन छा सासु ससुरा
दुयुरा अभित बाबा बोई लगणा
नई नई बुवारी छे तू
जरा पछी देखुला!

हे भौजी कन तुमर बेटुलो
दुयुरा अभित देवता छी म्यारा
नशा जब उतरी जालो
जरा पछी देखुला !

हे भौजी कन म्यार गावो गवाड़
दुयुरा अभित रौतियालो तयार गावो गवाड़
खुटी जब थक्तथे जला
जरा पछी देखुला!

"केदार सिंह "

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