मेरी अम्मा

          मेरी अम्मा

अम्मा मेरी  अम्मा
पापा की मम्मा
सबसे प्यारी लगती है
है हमारी दादी अम्मा

प्यार हमको करती है
किसी से नहीं डरती है
देख भाल करती हमारी
रहती है चोकना

लोरिया सुनती है
मन को  खुब भाति है
मममी पापा की डाट  से  हमे बचाती है
सदा रहती हमारे संगना है

सदा पक्क्ष  मे हमारी रहती है
बाहर वालो  से लड़ पड़ती है
 बुढ़ापे  का  एक सहारा  छड़ी  है
बेठी  रहती है अंगना
                                              केदार सिंह
                                                म्यारों पहाड़ !

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