कब हाेलु विकास नेता जी

कब हाेलु विकास नेता जी
रगं रुप यख सुख गई
सुखी यख पुगंड पखाड
कब हाेली उन्नति कब भला दीन आण।

हर कुई शिक्षित हाेलु
बीन अक्षर पढी कुई नी राेलु
ग्यान की ईन गंगा सदा बगदी रया
इन शिक्षित उत्तराखण्ड बणाेलु।

खाणक कमाणक कमी  पतैय न हाे
बैटुलुक का अब फतीयण न हाे
इन नया नया काम काज राैला
इन विकसित  उतराखण्ड बणाेला।

भाेट तुमथे दीणा नेता जी
सारु जनता का एक तुम नेता जी
आश पर खराे उतरण
झूठी  छुयाे का जूड न बाेटीया जी।

                    ~ केदार सिह~।








0 Comments