कुछत कौर
कुछत कुछ कौर खाली नी बैठ हाथों में हाती धौर । सोचणी क्या छे दुनि में किले आई चीर दे सांकु धरती को इनु मेहनत कौर । कोस न दियो दयपतौं हो खुटा त…
वो धना धन बढिये धन बढ़ी भकार भरला वो मना मन न बढिये मन बढ़ी के नी मिलनौ |
कुछत कुछ कौर खाली नी बैठ हाथों में हाती धौर । सोचणी क्या छे दुनि में किले आई चीर दे सांकु धरती को इनु मेहनत कौर । कोस न दियो दयपतौं हो खुटा त…
उरी गे रे जतौण मां कालिकां को मीटी गई रे सबी बडीयारी क्या सुवाणो लगदु माता की नियौज खुली गे रे आज चांदी पिटारी ! चौमुखी तु माता होली दीशो की म…
नातीयोक अंगौल अम्म गीचक भुकी अम्म सांकीयोक रिवाज अम्म अम्म जस कुवे न। खेलुक खिलकार अम्म मिलणक मिलनसार अम्म बोईक सास अम्म अम्म जस कुवे न। गी…
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